बारिश के मौसम में भी दाहोद क्षेत्र में पिछले एक माह से ठीक से बारिश नहीं हो रही थी और कभी होती थी भी तो रिमझिम सी बारिश हो रही थी उसके चलते लगभग सभी फैसले सूख चुकी थी,लेकिन फिर भी इन सुखी फसलों को किसान बड़ी मेहनत के साथ कुएं से तो बोरवेल से या फिर आसपास के नदी नालों से फसलों को पानी दे रहे थे और बारिश का इंतजार कर रहे थे।ऐसे में बारिश भी आई और फिर आई तो इस तरह आई की एक तबाही ही ले आई।
दाहोद क्षेत्र का 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया इस बारिश के चलते कहीं जगह पर पानी भरा,छोटे-मोटे मकान धरासय से हो गए गांव खेड़ा में जाने वाले पुल,डेम ओवरफ्लो हुई इसके चलते काफी नुकसान हुआ।बड़े से बड़े पेड़ पौधे उखड़ गए तो जो फैसले बची कुची थी वह भी नष्ट नाबूत हो गई।देश के अन्नदाता को जो आज नुकसान हुआ है यदि अन्नदाता की फैसले आज नष्ट हो चुकी है इसका मतलब आने वाले समय में क्या हम ठीक से खाना खा पाएंगे क्योंकि जो भी हमारे पास खाना आता है उन्हीं की मेहनत के द्वारा आता है।हम हमारे चैनल के माध्यम से सरकार से यह गुजारिश करेंगे की हर एक किसान भाइयों को उनकी जो फैसले नष्ट हुई है उसका उचित मुआवजा मिलना चाहिए।धन्यवाद
राजेश सिसोदिया….दाहोद,गुजरात